बिजनेस ब्यूरो
सरसों में लगातार पिछले एक सप्ताह से तेजी देखने को मिल रही है। प्रतिकूल मौसम से सरसों की फसल को होने वाले नुकसान की आशंका से सरसों वायदा में तेजी देखने को मिल रही है ।
एनसीडीईएक्स पर मंगलवार क्विंटल पर बंद होने में कामयाब रहा। वही अगर इसके फन्डामेंटल की तरफ देखे तो इस साल प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में मौसम खराब होने के कारण सरसों उत्पादन में कमी का अनुमान है जिससे वायदा में सरसों की कीमतों में तेजी आई है।
बार काफी कम रहने का अनुमान है कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में सरसों की बुवाई 65.83 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल में सरसों की बुवाई 70.92 लाख हेक्टेयर में हुई थी । इस दौरान राजस्थान में बुवाई 26.41 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल रकबा 32.45 लाख हेक्टेयर बताया गया था।
वही अगर सरसों के पिछले साल के स्टॉक की बात करे तो उसमे भी लगातार कमी देखने को मिल रही है और दूसरी तरफ उत्पादन में कमी के चलते आने वाले समय में कीमतों को और भी स्पोट देखने को मिल सकता है।
सरसों अप्रैल वायदा 2.81 फीसदी उछलकर 3,589 रुपये प्रति सरसों का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले इस में 27 जनवरी को जारी आंकड़ों में राजस्थान की बुवाई
इसलिए शोर्ट टर्म में तेजी का रुख बरकरार रह सकता है। सरसों में गिरावट पर खरीदारी की जा सकती है अगर अप्रैल वायदा 3540 रूपए प्रति क्विंटल के पास मिले तो खरीदारी करनी चाहिए और आने वाले सप्ताह में भाव बढकर 3750 रूपए प्रति क्विंटल तक जा सकते है।