
बाजार का रुख
यार्न मिलों की मांग घटने से पिछले डेढ़ महीने में घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में 7.2 फीसदी की गिरावट आई है। भाव घटने की वजह से उत्पादक मंडियों में कपास की आवक कम हुई है। ऐसे में भारी गिरावट की संभावना नहीं है। उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कॉटन की कीमतों में 8.4 फीसदी की गिरावट आई है।
89.86 सेंट प्रति पाउंड भाव है न्यूयॉर्क में कॉटन का
34,700 रुपये प्रति कैंडी पर अहमदाबाद में बिक रही है कॉटन
88.50 लाख गांठ कॉटन का निर्यात हुआ था वर्ष 2007-08 में विश्व बाजार में भारतीय कॉटन सस्ती होने से बढ़ रहा है निर्यात
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कॉटन सस्ती होने के कारण यूरोप, चीन, टर्की और बांग्लादेश की मांग बढ़ गई है। इससे चालू सीजन में 102 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलो) कॉटन के रिकॉर्ड निर्यात सौदे हो चुके है। इससे पहले वर्ष 2007-08 में 88.50 लाख गांठ का निर्यात हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन का भाव 89.86 सेंट प्रति पाउंड है जबकि घरेलू बाजार में अहमदाबाद मंडी में शंकर-6 किस्म की कॉटन का भाव 34,500 से 34,700 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी 356 किलो) है।
कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्य फरवरी तक 102 लाख गांठ कॉटन के निर्यात सौदे हो चुके है जो एक रिकॉर्ड है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कॉटन सस्ती होने के कारण निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन 2011-12 के दौरान 84 लाख गांठ कॉटन का निर्यात होने का अनुमान था।
केसीटी एंड एसोसिएट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि यार्न मिलों की मांग घटने से पिछले डेढ़ महीने में घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में 7.2 फीसदी की गिरावट आई है। अहमदाबाद मंडी में गुरुवार को शंकर-6 किस्म की कॉटन का भाव घटकर 34,500 से 34,700 रुपये प्रति कैंडी रह गया।
18 जनवरी को इसका भाव 37,200 से 37,500 रुपये प्रति कैंडी था। उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इस दौरान इसकी कीमतों में 8.4 फीसदी की गिरावट आई है। 17 जनवरी को न्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मार्च महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन का भाव 98.19 सेंट प्रति पाउंड था जबकि 29 फरवरी को इसका भाव 89.86 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ।
कॉटन के थोक कारोबारी एम. बी. शाह ने बताया कि उत्पादक मंडियों में दाम घटने से कपास की आवक कम हुई है। पिछले सप्ताह तक दैनिक आवक लगभग सवा लाख गांठ से ज्यादा की हो रही थी जबकि चालू सप्ताह में आवक घटकर एक लाख गांठ के करीब रह गई है।
ऐसे में मौजूदा कीमतों में भारी गिरावट की संभावना नहीं है। कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार कॉटन का उत्पादन बढ़कर 340.87 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2010-11 में उत्पादन 330 लाख गांठ का हुआ था