मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

दलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना होगा : कृषि मंत्री


फल-सब्जियों की बर्बादी रोकने के लिए नेशनल सेंटर फॉर कोल्ड चेन की स्थापना बिजनेस भास्कर नई दिल्ली केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि आयात पर निर्भरता कम करने के लिए दलहन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना होगा।


कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के निदेशकों के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पवार ने कहा कि चालू रबी में गेहूं का उत्पादन दूसरे आरंभिक अनुमान 883.1 लाख टन से भी ज्यादा होने की संभावना है।


उन्होंने कहा कि वर्ष 2011-12 में खाद्यान्न का रिकॉर्ड 25.04 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान है, साथ ही केंद्रीय पूल में खाद्यान्न के भारी बकाया स्टॉक से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा बिल को लागू करने में आसानी होगी। दलहनों की मांग के मुकाबले उत्पादन कम रहने पर चिंता जाहिर करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि मांग और पूर्ति के अंतर को पाटने के लिए अभी लंबे प्रयासों की जरूरत है। अनाज के साथ ही फल-सब्जियों के उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है लेकिन दालों का उत्पादन वर्ष 2010-11 के 182.4 लाख टन से घटकर 172.8 लाख टन होने का अनुमान है। शरद पवार ने कहा कि विश्व स्तर पर कृषि अनुसंधान एवं विकास पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है क्योंकि खाद्य पदार्थों की कीमतें बढऩे के कारण चिंता बढ़ रही हैं। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत भी अपने कृषि संसाधनों में सुधार कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्नत तकनीकों के माध्यम से खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। देश में पिछले कुल सालों में अधिकतर जिंसों के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कृषि अनुसंधान और नई तकनीकों को और बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का आह्वान किया कि भविष्य के कृषि वैज्ञानिकों को उन्नत तकनीकों के विकास के लिए प्रशिक्षित किया जाए। कृषि मंत्री ने एक अन्य कार्यक्रम में वर्ष 2012 को बागवानी वर्ष के तौर पर मनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि फल-सब्जियों के भंडारण की कमी के चलते इसके होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सरकार ने कोल्ड चेन के विकास के लिए नेशनल सेंटर फॉर कोल्ड चेन (एनसीसीडी) की स्थापना की है। इसके लिए एकमुश्त अनुदान के रूप में 25 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। भारत फल, सब्जी, फूल, मसाले, नारियल, मशरूम और शहद जैसी बागवानी उपजों की पैदावार में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा देश है